Govardhan Puja 2022 - क्या इस बार दिवाली से अगले दिन है गोवर्धन पूजा?
Indian Astrology | 19-Oct-2022
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Govardhan Puja 2022: गोवर्धन पूजा का त्यौहार प्रत्येक वर्ष दीपावली के अगले दिन मनाया जाता है। लेकिन वर्ष 2022 में कुछ अलग होने वाला है। इस बार गोवर्धन पूजा, दिवाली से अगले दिन नहीं मनाई जाएगी। साल 2022 में दिवाली 24 अक्टूबर को दीपावली का त्यौहार मनाया जायेगा लेकिन गोवर्धन पूजा दिवाली के दो दिन बाद 26 अक्टूबर को मनाई जाएगी। क्या है कारण गोवर्धन पूजा के एक दिन आगे बढ़ जाने का? क्यों गोवर्धन पूजा दिवाली के बाद नहीं मनाई जा रही है ? क्या कुछ अपशकुन होगा यदि गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन मनाई गयी ? पाइएं गोवर्धन पूजा 2022 से जुड़ी पूरी जानकारी -
क्या कारण है कि गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन नहीं है ?
वर्ष 2022 में दिवाली 24 अक्टूबर को है लेकिन इससे ठीक अगले दिन यानी 25 अक्टूबर 2022 को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यही वजह है कि गोवर्धन पूजा का पर्व इस साल 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा। ग्रहण में कोई भी शुभ कार्य करना अच्छा नहीं माना गया है। किसी भी पूजा को करना सूर्य ग्रहण में अनुचित है।
क्या सूर्य ग्रहण के दौरान गोवर्धन पूजा मनाने से कोई अपशकुन होगा ?
सूर्य ग्रहण यानि सूर्य का पाप-ग्रह राहु के प्रभाव में आ जाना। सूर्य ग्रहण में सूर्य की किरणें पृथ्वी तक नहीं आ पाती और सूर्य बिल्कुल निर्बल अवस्था में होता है। जब सूर्य जो सभी ग्रहों के राजा हैं, निर्बल अवस्था में कुंडली में हो तो कोई भी अन्य ग्रह अपना शुभ प्रभाव देने में असमर्थ होता है। ऐसे में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित है। अतः गोवर्धन पूजा जैसा शुभ कार्य सूर्य ग्रहण में नहीं किया जाना चाहिए।
क्यों मानते है गोवर्धन पूजा ?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, गोवर्धन पूजा के दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पूजा को अपनी कनिष्का पर उठाकर ब्रज वासियों को इंद्र देव के प्रकोप से बचाया था। इसी दिन कृष्ण जी ने इंद्र देव के अहंकार को परास्त किया था। इसी कारण से आज भी गोवर्धन पूजा का आयोजन किया जाता है। आइए जानते हैं इस साल गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त और पूजा के नियम।
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गोवर्धन पूजा के नियम
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पूजा मनाये जाने की परंपरा है। गोवर्धन पूजा पर गोबर का इस्तेमाल कर गोवर्धन देव का चित्र मनाया जाता है और उनकी फूलों से साज-सज्जा की जाती है।
पूजा के दौरान गोवर्धन देवता को नैवेद्य, फल, फूल, दीपक, और मिठाई अर्पित की जाती है। गोवर्धन देवता को शयन मुद्रा में दिखाया जाता है और उनकी नाभि की जगह एक मिट्टी का दीपक रख दिया जाता है। इस दीपक में पंचामृत या दूध, दही, शहद, गंगाजल और बताशे चढ़ाये जाते हैं फिर प्रसाद के रूप में इन्हें बांटा जाता है।
पूजा के बाद चित्र की सात बार परिक्रमा की जाती है। परिक्रमा करते हुए लोटे से जल गिराते है और जौ बोते हुए परिक्रमा करते हैं। इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा भी की जाती है।सूर्य ग्रहण के कारण गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को मनाई जाएगी। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट भी कहा जाता है। इस दिन घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनायीं जाती है और फिर उसकी पूजा करती हैं।
गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त
गोवर्धन पूजा की तिथि- 26 अक्टूबर 2022, बुधवार
गोवर्धन पूजा प्रातः काल मुहूर्त - 26 अक्टूबर प्रातः 06:29 से सुबह 08:43 तक
पूजा की अवधि - 02 घण्टे 14 मिनट
प्रतिपदा तिथि आरम्भ - 25 अक्टूबर शाम 04:18 बजे से
प्रतिपदा तिथि समापन - 26 अक्टूबर 2022, दोपहर 02:42