ज्योतिष में नवग्रहों का महत्व, इन ज्योतिषीय सरल उपायों से करें नवग्रहों को शांत

Indian Astrology | 29-Nov-2022

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सौरमंडल अर्थात सौरपरिवार नवग्रहों के साथ पृथ्वी भी इस सौरमंडल का हिस्सा है। वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology) में नवग्रह प्रमुख हैं। इसमें सूर्य और चंद्रमा को भी ग्रह माना जाता है। इसके अलावा मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि और राहु-केतु भी इनमें शामिल हैं। हालाँकि राहु और केतु ग्रह को छाया ग्रह कहा जाता है। इन ग्रहों की अपनी एक अलग प्रकृति और अपना भिन्न स्वभाव होता है। अपनी विशेषता के कारण इनमें से कुछ ग्रह शुभ तो कुछ क्रूर ग्रह होते हैं। हालाँकि केवल बुध एक ऐसा ग्रह है जो तटस्थ ग्रह की श्रेणी में आता है। जन्म कुंडली (Janam Kundali) से ग्रह तथा नक्षत्र की स्थिति का पता चलता है। इसलिए ज्योतिष के मुताबिक ग्रहों का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर प्रत्यक्ष रूप से पड़ता है। इसे उस व्यक्ति की जन्म कुण्डली से भली प्रकार से समझा जा सकता है।  

नवग्रहों का संबंध मनुष्य के जन्म से ही जुड़ जाता है। जब वह पृथ्वी पर जन्म लेकर आता है। ये ग्रह व्यक्ति के जीवन पर अच्छे और बुरे प्रभाव डालते हैं। सूर्य, चंद्र, बुध, मंगल, गुरु शुक्र, शनि, राहु और केतु को नवग्रह मानते हैँ। आज का मानव किसी न किसी रुप में परेशान है। कोई आर्थिक कमी से जूझ रहा है तो किसी के घर में कलेश है। यही नहीं कारोबार, नौकरी और अन्य प्रकार की ऐसी कई परेशानियां है, जिनसे व्यक्ति जूझ रहा है। ज्योतिषीय नजरिए से देखें तो मानव की हर परेशानी के लिए जिम्मेदार उसके अपने ग्रहों की चाल है। नवग्रहों की चाल मानव को न केवल परेशानी में डालती है, बल्कि कभी की स्थिति विकट भी हो जाती है। ज्योतिष शास्त्र एक ऐसी विधा है जिसमें सौरमंडल के ग्रहों की ग़णना कर उनकी शक्ति का पता लगया जाता है। जन्मकुंडली में कौन सा ग्रह किस भाव में बैठा है, वह सकारात्मक है या नकारात्मक असर दे रहा है, यह सब पता लगाया जा सकता है।

 

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सूर्य के लिए उपाय :- Remedies for Sun

  • सूर्य की प्रतिकूलता दूर करने के लिए रविवार का उपवास रखें, भोजन नमक रहित करें।
  • रविवार के दिन सूर्योदय के समय सूर्य संबंधी वस्तुओं जैसे गुड़, गेहूं या तांबे का दान करें।
  • सवा सात रत्ती का माणिक तांबे या सोने की अंगूठी में बनवायें, रविवार को सूर्योंदय के समय दाएं हाथ की मध्यमा अंगूली में धारण करें।
  • ‘ऊँ घृणिः सूर्याय नमः’ मंत्र का जप करें, गाय या बछड़े को गुड़-गेहूं खिलाएं।
  • नित्य भगवान विष्णु की आराधना करें, ''ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नमः'' मंत्र का 1 माला जाप लाल चंदन की माला से करें।
  • आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें, सूर्य को प्रतिदिन ताम्र पात्र से जल दें।
  • लाल चंदन का तिलक लगायें, तांबे का कड़ा पहनें।
  • घर में मां, दादी का आशीर्वाद जरूर लें, गुड़ खाकर पानी पीकर कार्य आरंभ करें।
  • बहते जल में 250 ग्राम गुड़ प्रवाहित करें, पशु-पक्षियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था करें। 

 

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चन्द्रमा के लिए उपाय :- Remedies for Moon

  • यदि जन्मपत्रिका में चंद्रमा प्रतिकूल चल रहा हो तो सोमवार का उपवास प्रारंभ कर दें।
  • भगवान शिव की आराधना करें, ऊं नम शिवाय मंत्र का रूद्राक्ष की माला से 11 माला जाप करें।
  • अपनी मां की सेवा करें, सोमवार की शाम किसी युवती को शंख, सफेद वस्त्र, दूध, चावल व चांदी का दान करें।
  • सफेद गाय को सोमवार को आटे का पेड़ा खिलाएं या पके हुए चावल में खांड मिलाकर कौओं को खिलाएं।
  • बड़े बुजुर्गों, ब्रह्मणों, गुरूओं का आशीर्वाद लें, शीशे की गिलास में दूध, पानी पीने से परेहज करें।
  • सोमवार के दिन सांयकाल सफेद कपड़े में मिश्री बांधकर जल में प्रवाहित करें।
  • चांदी की अंगूठी में सवा पांच रत्ती का मोती सोमवार के दिन कनिष्ठिका उंगली में धारण करें।

 

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मंगल के लिए उपाय :- Remedy for Mars

  • मंगल को मजबूत करने के लिए स्नान करने के बाद लाल रंग के कपड़े धारण करें, इसके बाद मंगल बीज मन्त्र का जाप 108 बार करें- ''ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:''।
  • मंगलवार के दिन भगवान हनुमान को सिंदूर चढ़ाएं, इस दिन सिंदूर में थोड़ा सा चमेली का तेल भी मिला दें, इससे भी मंगल मजबूत होता है।
  • मंगल ग्रह को मजबूत करने के लिए स्नान करने के बाद लाल रंग के कपड़े धारण करें।
  • मंगल को मजबूत करने के लिए लाल कपड़ा, गेंहू, गुड़, तांबा आदि का दान करें।
  • मंगल ग्रह के शुभ फलों की प्राप्ति के लिए मंगलवार के दिन व्रत रखें, और मूंगा रत्न धारण करें।
  • हनुमान जी के बीज मन्त्र ''ऊं हं हनुमते रूद्रात्मकाय हुं फट कपिभ्यो नम:'' का 1 माला नित्य जाप करें।
  • मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान चालीसा या बजरंगबाण का पाठ करें।

बुध के लिए उपाय :- Remedy for Mercury

  • बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए विष्णुसहस्त्रनाम स्तोत्र का नित्य एक पाठ करें।
  • बुध ग्रह के बीज मंत्र ''ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः'' का जप करें, बुध मंत्र को 9000 बार जपना चाहिए, बुध को प्रसन्न करने के लिए ''ॐ बुं बुधाय नमः'' अथवा ''ॐ ऐं श्रीं श्रीं बुधाय नमः'' मन्त्र का जाप करें। 
  • बुध ग्रह अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए चौमुखी यानि चार मुख वाले रुद्राक्ष को धारण करें। ऐसा करने से व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर होती हैं।
  • बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए जरूरतमंद लोगों को बुधवार के दिन हरी मूंग की दाल, साग, पालक या कोई हरे रंग की वास्तु का दान करें।
  • बुधवार को छोटी कन्याओं को हरे रंग के कपड़े, भोजन और इसी रंग की चूड़ियां दान कर सकते हैं। इससे बुध ग्रह मजबूत होगा।
  • रोजाना बुध स्तोत्र का पाठ करें, बुधवार को भगवान गणेश को 11 मोदक का भोग लगाएं। बाद में इसे प्रसाद के रूप में बच्चों को बांट दें।

 

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गुरु के लिए उपाय :- Remedy for Guru

  • बृहस्पति को मजबूत करने के लिए गुरूवार के दिन नहाने के पानी में हल्दी की एक चुटकी डाल कर नहाएँ, यह प्रयोग 41 दिन तक करें।
  • बृहस्पतिवार का व्रत करें, और नित्य ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम: मंत्र का जाप करें, प्रत्येक दिन मंत्र जाप संख्या 1, 3 माला कर सकते हैं।
  • गुरुवार को लक्ष्मी नारायण की पूजा करें, और पीली वस्तुओं का दान करें।
  • गुरुवार को शिव भगवान को बेसन के लड्डू का भोग लगाएं, और ब्राह्मण कन्याओं को पीले वस्त्र दान करें।
  • गुरु ग्रह को प्रबल करने के लिए आप अपनी शक्ति अनुसार शहद, पीले अन्न, पीले वस्त्र, फूल, हल्दी, पुस्तक, सोना आदि का दान करें।
  • आपको अपने माता-पिता, गुरु और बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए, इससे गुरु ग्रह मजबूत होता है।
  • गुरु ग्रह के कारण उत्पन्न समस्त अरिष्टों के निवारण के लिए रुद्राष्टाध्यायी एवं शिव सहस्त्रनाम का पाठ अथवा नित्य रुद्राभिषेक करें।
  • वैदिक या तांत्रिक गुरु मंत्र का जप तथा स्त्रोत पाठ अथवा भगवान दत्तात्रेय के तांत्रिक मंत्र का अनुष्ठान भी लाभप्रद होता है।
  • प्रश्नमार्ग के अनुसार गुरु महाविष्णु का प्रतिनिधित्व करते हैं, अतः कम से कम पुरुष सूक्त का पाठ और हवन जरूर करना चाहिए, यह अत्यधिक कल्याणकारी है।
  • अधिक न कर सके तो मासिक सत्यनारायण व्रत कथा एवं गुरुवार या एकादशी का व्रत ही कर लें।

शुक्र के लिए उपाय :- Remedies for Venus

  • शुक्र शांति का सर्वोत्तम उपाय है दुर्गा सप्तशती का विधिवत नवचण्डी पाठ करना। 
  • शुक्र मंत्र का जप, स्त्रोत या कवच आदि का नियमित रूप से पाठ करें।
  • श्री सूक्त और भाग्य लक्ष्मी मंत्र का जप करने से शुक्र ग्रह के अच्छे रिजल्ट मिलने लगते हैं।
  • शुक्र ग्रह को शांत करने के लिए तथा धन एवं व्यापार में वृद्धि के लिए जरकन युक्त शुक्र यंत्र धारण करें।
  • शुक्र ग्रह के शुभ फलों हेतु शुक्र यंत्र को धारण करना चाहिए। इस यंत्र को धारण करने से शुक्र ग्रह के अशुभ प्रभाव दूर होते है।  
  • शुक्रवार के दिन प्रात: चाँदी, चावल, दूध, दही, घी, खीर, सफ़ेद वस्त्र, चीनी, मिश्री आदि किसी सात्विक ब्राह्मण को पूर्ण श्रद्धा से दक्षिणा सहित दान करें।
  • घर की दक्षिण-पूर्व दिशा दूषित हो या यह दिशा वास्तु शास्त्र के अनुसार न हो, तो शुक्र ग्रह के खराब फल मिलने लगते है अतः इस दिशा को साफ़ सुथरा रखे।
  • शुक्र मजबूत करने के लिए बड़ी इलायची को थोड़े से पानी में उबाल लें। इसे ठंडा करके अपने नहाने के पानी में मिलाएं और आखिरी बार इससे स्नान करें। इस दौरान शुक्र ग्रह का ध्यान करते हुए ''ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः'' इस मंत्र का जाप करें।
  • गाय को रोज सुबह रोटी खिलाएं, कभी भी महिलाओं का अपमान न करें।

शनि के लिए उपाय :- Remedies for Saturn

  • प्रतिदिन प्रातः स्नानादि से निवृत होकर काले आसन पर बैठकर शनि के मंत्र जाप ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः। का जप कम से कम एक माला नित्य करे।
  • व्यापार में आ रही समस्या को दूर करने के लिए अभिमंत्रित प्राणप्रतिष्ठित घोडे़ की नाल को व्यापार स्थान पर दक्षिण दिशा में रखें।
  • शनि से संबंधित वस्तुएं जैसे- लोहा, उड़द की दाल, सरसों का तेल, काले वस्त्र, जूते व नीलम का दान सायंकाल करें।
  • भगवान शिव एवं भैरव जी की उपासना भी अनिष्टकर शनि के लिए कल्याणकारी है।
  • काले धागे में बिच्छू बूटी की जड़ को अभिमंत्रित करवाकर शनिवार के दिन धारण करने से शनि संबन्धी सभी कार्यों में सफलता मिलती है।
  • शाम के समय बरगद या पीपल के पेड़ के नीचे सूर्योदय से पहले स्नान आदि करने के बाद सरसों के तेल का दीपक लगायें और दूध एवं धूप आदि अर्पित करें।  
  • कांसे की कटोरी में तिल का तेल डालकर उसमें अपना चेहरा देखकर और काले कपड़े में काली उड़द, सवा किलो गेहूं, दो लड्डू, फल, काला कोयला और लोहे की कील रखकर बिखरी को दान करें।
  • प्रत्येक शनिवार के दिन बंदरों को गुड़ और चने खिलाने से भी शनि का कुप्रभाव कम हो जाता है।
  • काले घोड़े की नाल या नाव में लगी कील से बना छल्ला शनिवार के दिन धारण करें।
  • शमी वृक्ष की जड़ को विधि-विधान पूर्वक घर लेकर आयें, शनिवार के दिन श्रवण नक्षत्र में या शनि जयंती के दिन किसी योग्य पंडित से अभिमंत्रित करवाकर काले धागे में बांधकर गले या बाजू में धारण करें।

 

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राहु के लिए उपाय :- Remedy for Rahu

  • राहु के बीज मन्त्र- "ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहुवे नमः " का 18000 की संख्या में जाप करें।
  • राहु की शांति के लिए श्रावण मास में रुद्राष्टाध्यायी का पाठ करना सर्वोत्तम है।
  • शनिवार के दिन कोयला, तिल, नारियल, कच्चा दूध, हरी घास, जौ, तांबा बहती नदी में प्रवाहित करें।
  • यदि मोर का पंख घर के पूर्वी और उत्तर पश्चिम दीवार में या अपनी जेब व डायरी में रखा हो तो राहू का दोष कभी भी नहीं परेशान करता है, मोरपंख की पूजा करें या हो सके तो उसे हमेशा अपने पास रखें।
  • राहु की शांति के लिए बहते हुए पानी में शीशा या नारियल प्रवाहित करें।
  • राहु को शुभ करने के लिए नारियल में छेद करके उसके अन्दर ताम्बे का पैसा डालकर उसे नदी में बहा दें।
  • एक नारियल + 11 बादाम काले वस्त्र मेंबांधकर जल में प्रवाहित करें।
  • काले कुत्ते को मीठी रोटियां खिलाएं।
  • रात को सोते समय अपने सिरहाने जौ रखें, और सुबह-सुबह पंक्षियों को खिलाएं।
  • राहु ग्रह पीडि़त कर रहा हो तो रोजाना कबूतरों को बाजरे में काले तिल मिलाकर खिलाएं।

केतु के लिए उपाय :- Remedy for Ketu

  • केतु दोष को दूर करने या केतु की शांति के लिए ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम: मंत्र का जाप करें, आप इस मंत्र का 1 या 5 माला जाप करें।
  • केतु दोष से मुक्ति के लिए शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाना लाभकारी रहेगा।
  • केतु ग्रह के दुष्प्रभावों से मुक्ति के लिए असहाय, गरीब और अपंग व्यक्तियों को भोजन, धन आदि का दान दें, तथा भूलकर भी उनका अपमान न करें।
  • मंगलवार के दिन काले और सफेद तिल बहते हुए जल में प्रवाहित करें।
  • केतु के शुभ फलो हेतु केतु के यंत्र को धारण करना चाहिए। इस यंत्र को धारण करने से केतु ग्रह के अशुभ प्रभाव दूर होते है। जातक को धन, सुख-समृद्धि, यश की प्राप्ति होती है।
  • केतु मन्त्र का कम से कम 7000 या अधिकतम 28000 जप पूर्णतया फलदाई होता है।
  • केतु ग्रह के खराब प्रभाव को दूर करने के लिए बुधवार के दिन प्रात: जल में लाल चन्दन डालकर स्नान करें, इस उपाय को करने से केतु ग्रह अनुकूल फल देने लगता है।
  • समय-समय पर भगवान शिव शंकर का पार्थिव पूजन एवं अभिषेक करवायें तथा मंदिर में भूरे रंग का कंबल दान करें।
  • घर में कुत्ता पालें या फिर उसकी सेवा करें तथा बंदरों को गुड़ चना खिलायें।
  • कान में सोना पहनें। बड़ों का सम्मान करें, विशेषकर ससुर का सम्मान जरूर करें।
  • प्रतिदिन गणेशजी का पूजन-दर्शन करें, गणेश जी को दूर्वा चढ़ाएं। काले, सलेटी रंगों का प्रयोग न करें।

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