Education and Astrology: शिक्षा और करियर के चुनाव से पूर्व ज़रूर दिखाएं अपनी कुंडली

Indian Astrology | 19-Dec-2019

Views: 13006
Latest-news

"शिक्षा सबसे सशक्त हथियार है जिससे दुनिया बदल सकती है।"


- नेल्सन मंडेला

शिक्षा क्रांति ला सकती है। बेहतर शिक्षा आपको आगे बढ़ने में मदद करती है। आपका आत्मविश्वास मज़बूत करती है। आपको सही गलत की समझ मिलती है। इससे न केवल आपको रोज़गार के बेहतर अवसर प्राप्त होते हैं बल्कि यह आपके व्यक्तित्व का विकास करती है। बेहतर शिक्षा आपके सोचने के दायरे में विस्तार करती है। आप ज़्यादा रचनात्मक तरीके से सोच पाते हैं। सफलता की नई ऊंचाइयों को छूकर आपको यश और धन की प्राप्ति होती है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली का दूसरा, चौथा, पांचवा और नवम भाव या घर शिक्षा से संबंधित है। यह बताता है कि भविष्य में आप कितनी और कैसी शिक्षा प्राप्त करेंगे।

कुंडली और शिक्षा

कुडली के दूसरे, चौथे, पांचवे और नवे भाव या घर में अनुकूल ग्रहों की स्थिति दर्शाती है कि आप उच्च शिक्षा प्राप्त करेंगे। जातक में शिक्षा की स्थिति जानने के लिए आमतौर पर चतुरवंश या नवन कुंडली का प्रयोग किया जाता है। जब हम शिक्षा की बात करते हैं तो पांचवा घर बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस घर से प्राप्त शिक्षा आपके प्रोफेशन या व्यवसाय के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। वर्ग कुंडली के विभिन्न घरों में ग्रहों की स्थिति की जांच करना भी बेहद ज़रूरी है।

  • दूसरा घर शिक्षा के स्तर और गुणवत्ता को दर्शाता है।
  • चौथे भाव से पता चलता है कि जातक किस तरह के वातावरण में शिक्षा प्राप्त करेगा।
  • कुंडली का पांचवा घर रचनात्मकता और आरंभिक शिक्षा को दर्शाता है।
  • नौवां और दसवां घर महत्वाकांक्षा और उच्च शिक्षा को दर्शाता है।

शिक्षा और ज्योतिषीय भविष्यवाणी

कुंडली में मंगल, बुध, गुरु ग्रह और चंद्रमा की स्थिति से पता चलता है कि आपका बच्चा पढ़ाई में कैसा होगा और कितनी शिक्षा प्राप्त करेगा। ये ग्रह शिक्षा के विभिन्न आयामों का प्रतिनिधित्व करते हैं। गुरु ज्ञान का, बुद्ध बुद्धि का, मंगल तर्क का और चंद्रमा मन का कारक ग्रह है।

एजुकेशन एस्ट्रोलॉजी (Education Astrology) में जन्म कुंडली से जाना जा सकता है कि आपका करियर कैसा रहेगा।

  • कुंडली के दूसरे घर में यदि राहु, शनि और मंगल जैसे पाप ग्रह हैं तो बच्चे को प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाई होगी।
  • शिक्ष को लेकर विद्यार्थी का रूझान किस ओर है यह चंद्रमा की स्थिति से समझा जा सकता है।
  • आपके बच्चे की कुंडली में यदि बुध दूसरे घर (प्राथमिक शिक्षा) और गुरु चौथे घर ( उच्च शिक्षा) में बैठा है तो आपका बच्चा पढ़ाई में अच्छा होने के साथ-साथ एक अच्छा वक्ता भी होगा।
  • कुंडली के चौथे भाव में शुभ ग्रह बैठे हों और चतुर्थ भाव का स्वामी शुभ प्रभाव में हो तो घर में शांति का माहौल रहता है और बच्चे का पढ़ने में मन लगता है।
  • पांचवे भाव में यदि शुभ ग्रह बैठे हों और पांचवे भाव का स्वामी शुभ प्रभावों में हो तो बच्चे की प्रारंभिक शिक्षा अच्छी होती है। बच्चा दसवीं और कई दफा कॉलेज में भी शानदार प्रदर्शन करता है।
  • नौवे भाव में यदि शुभ ग्रह बैठे हों और नौवे भाव का स्वामी शुभ प्रभाव में हो तो जातक उच्च शिक्षा में बेहतर परिणाम देता है। ये विद्यार्थी आमतौर पर स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई पूरी करते हैं। कुछ इतने सफल रहते हैं कि पीएचडी भी करते हैं।
  • अगर पांचवा भाव शुभ न हो लेकिन नवम भाव शुभ हो तो विद्यार्थी स्नातक स्तर पर औसत प्रदर्शन करते हुए उच्च शिक्षा प्राप्त करता है। ऐसे विद्यार्थी कई दफा उच्च शिक्षा में बेहतर प्रदर्शन भी करते हैं।
  • चंद्रमा मन का कारक ग्रह है। अगर विद्यार्थी मानसिक रूप से मज़बूत हो तो वह बेहतर प्रदर्शन करता है। अगर दूसरा, चौथा, पांचवा और नौवां भाव शुभ अवस्था में है लेकिन चंद्रमा की स्थिति खराब है तो विद्यार्थी को एकाग्रता में कमी और चिड़चिड़ेपन की समस्या होती है।

ग्रह और संबंधित विषय

हर एक ग्रह का संबंध कुछ विशिष्ट विषयों से होता है:

  • सूर्य: राजनीति, वानिकी, जीवविज्ञान, चिकित्सा, प्रबंधन
  • चंद्रमा: वनस्पतिशास्त्र, कृषि, चिकित्सा, बाग़बानी, मनोविज्ञान, गृह विज्ञान, समाजशास्त्र, जीव विज्ञान, नर्सिंग और राजनीति
  • मंगल: धातुकर्म, रसायनशास्त्र, चिकिस्ता, शल्य चिकित्सा, सैना, भूविज्ञान, इंजीनियरिंग
  • बुध: गणित, वाणिज्य, भाषा, साहित्य, विज्ञान, कला, पत्रकारिता, ज्योतिष शास्त्र, लेखन
  • बृहस्पति: कानून, बैंकिंग, शिक्षा, दर्शनशास्त्र, संस्कृत, धर्म, वेद तथा अध्यात्म
  • शुक्र: सौंदर्यशास्त्र, काव्य, कला, यौन विज्ञान, समाजशास्त्र, होटल मैनेजमेंट
  • शनि: अंग्रेज़ी, राजनीति, इतिहास, दर्शनशास्त्र, मैकेनिक, इंजीनियरिंग, सौंदर्यशास्त्र, वास्तुकला, खनन, धातुकर्म, चमड़ा व्यापार
  • राहु: इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर साइंस, विषज्ञान, मनोविज्ञान, मेडिसन और राजनीतिक विज्ञान
  • केतु: तात्विक विषय (metaphysical subjects), गुह्यविद्या, दर्शन शास्त्र, अध्यात्म, काला जादू

अगर आप दुविधा में हैं कि कौन सा विषय चुनना आपके करियर के लिए बढ़िया रहेगा तो हमारे ज्योतिष विशेषज्ञ डॉ. अरुण बंसल (Dr. Arun Bansal) से सलाह लें।

शिक्षा के ज्योतिषीय उपाय

ज्योतिष आपको शिक्षा के बहुत सारे ज्योतिषीय उपाय प्रदान करता है जिससे विद्यार्थी को पढ़ाई में मदद मिलती है। इनमें हवन, सरस्वति पूजा, अनुष्ठान आदि शामिल हैं। लेकिन आपकी जन्म कुंडली और ग्रहों की स्थिति के अध्ययन के आधार पर ही ये ज्योतिषीय उपाय किए जाते हैं।

इसके लिए आप हमारी सेवा एजुकेशन रिपोर्ट (Education Report) का लाभ उठा सकते हैं। इस रिपोर्ट के ज़रिए आपको भारत के सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषियों द्वारा शिक्षा के संदर्भ में उचित मार्गदर्शन मिलेगा।

इसके अलावा आप निम्न ज्योतिषीय उपाय भी आज़मा सकते हैं:

  • इम्तिहान के दिनों में विद्यार्थी को चांदी की कटोरी में मक्खन खिलाएं। इससे विद्यार्थी को एकाग्रता से पढ़ाई करने में मदद मिलेगी।
  • अगर चंद्रमा पर राहु, केतु या शनि की दृष्टि हो तो इसका समाधान करना भी ज़रूरी है। इसके समाधान के लिए आप हमारे ज्योतिष विशेषज्ञों से सलाह (Talk to Astrologer) ले सकते हैं।
  • मां सरस्वती की आराधना करें।
  • रोज़ाना गायत्री मंत्र का जाप करें।
  • हमारे विशेषज्ञ ज्योतिषियों के परामर्श से मोती, पीला पुखराज, बुध के रत्न आदि धारण करें।

शिक्षा के अन्य समाधान

ज्योतिषीय उपाय आपको मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं लेकिन मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। इसलिए मेहनत करें और पढ़ाई करते रहें। बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर पाएं इसके लिए माता-पिता और सरकार को भी जिम्मेदार होने की ज़रूरत है:

  • मुफ्त शिक्षा: सरकार को यह सुनिश्तित करना चाहिए कि उच्च शिक्षा सस्ती या मुफ्त हो जिससे कि गरीब से गरीब परिवार का बच्चा भी उच्चा शिक्षा हासिल कर सके। मां बाप को भी चाहिए कि वे बच्चे आर्थिक सहायता दें। कोर्स की फीस अगर महंगी हो तो दाखिला दिलाने से हिचके ना।
  • योग्य शिक्षक: शिक्षक जितना योग्य होगा बच्चे को उतनी ही अच्छी शिक्षा मिलेगी। इसलिए ज़रूरी है कि शिक्षकों को अच्छी तरह ट्रेन किया जाए।
  • तकनीक: आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर लोग आजकल क्या कुछ नहीं कर रहे। यूट्यूब पर आपको देश के प्रतिष्ठित शिक्षकों के लेक्चर मिल जाएंगे। इसके अलावा आप एजुकेशन वेबसाइट्स, ई-बुक्स आदि का भी लाभ उठा सकते हैं।
  • नवीनता और रचनात्मकता: शिक्षा का अर्थ महज़ अच्छे अंक और नौकरी भर पा लेना नहीं होना चाहिए। बल्कि शिक्षा के ज़रिए मिले ज्ञान का इस्तेमाल अध्ययन के लिए करना चाहिए।

अगर आप शिक्षा के क्षेत्र में कुछ नया करना चाहते हैं लेकिन अनेक बाधाओं का सामना कर रहे हैं तो हमारे ज्योतिष विशेषज्ञ से परामर्श कर अपनी एजुकेशन रिपोर्ट (Education Report) प्राप्त करें और उचित समाधान पाएं।