अंक ज्योतिष से जानिए कौन सा रोग कर सकता है परेशान और उपाय

Indian Astrology | 19-Mar-2020

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स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग का निवास होता है। इसलिए सफल और कामयाब जीवन के लिए शरीर का स्वस्थ होना बेहद ज़रूरी है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मानव का शरीर पंच तत्वों से बना होता है। जब इन पंच तत्वों में कोई गड़बड़ी होती है तब शरीर में बीमारियां उत्पन्न होती हैं और शरीर अस्वस्थ होता है। अंक ज्योतिष की मदद से आप जान सकते हैं कि आपको कौन सी बीमारियां परेशान कर सकती हैं और उनसे कैसे बचा जा सकता है। लेकिन इसके लिए आपको अपना मूलांक पता होना चाहिए। तो, आइए, सबसे पहले जानते हैं कि मूलांक क्या होता है और इसे कैसे निकाला जा सकता है?

 इस तरह निकालें मूलांक

मूलांक जन्म तिथि पर आधारित एक अंक की संख्या (One digit Number) होती है। जन्म तिथि की एक-एक संख्या को जोड़कर मूलांक निकाला जाता है। उदाहरण के लिए अगर किसी का जन्म 20 तारीख को हुआ है तो उसका मूलांक 2 (2+0=2) होगा। जबकि अगर किसी का जन्म 10 तारीख़ को हुआ है तो उसका मूलांक 1 (1+0=1) होगा। तो, अब अपना मूलांक निकालिए और जानिए अपने स्वास्थ्य के बारे में।

मूलांक 1

मूलांक 1 का स्वामी सूर्य है। 1, 10, 19, 28 तारीख़ को जन्म लेने वाले व्यक्तियों का मूलांक 1 होता है इसलिए इन लोगों के स्वास्थ्य पर सूर्यदेव का प्रभाव होता है। सूर्य पीठ, हृदय, धमनियों, सिर, पेट और लीवर को नियंत्रित करता है। इसलिए जातक को इनसे संबंधित रोग हो सकते हैं। इसके अलावा इन्हें उच्च रक्तचाप और दिल का दौरा पड़ने की समस्या भी हो सकती है।

मूलांक 1 वाले लोग बेहद महत्वाकांक्षी और मेहनती होते हैं। बहुत अधिक जोश होने के कारण ये लगातार काम करते रहते हैं और अपनी आंतरिक शक्ति को खराब करते हैं। इसलिए भी इनकी सेहत अक्सर बिगड़ती रहती है।

इन लोगों को अक्सर नशे की लत लग जाती है जिससे उन्हें लीवर, गुर्दे और फेफड़ों की समस्या हो सकती है। ये लोग उच्च कैलोरी वाले खाद्य और नशीले पेय पदार्थों का उत्पादन करते हैं, जो इनके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। इन जातकों के लिए अक्टूबर, दिसंबर और जनवरी के महीने अच्छे नहीं होते। इन्हें 10, 19, 28, 37 और 55 की उम्र में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। इस दौरान खुद पर बहुत अधिक दबाव न डालें।

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उपाय

  • बहुत ज़्यादा तनाव न लें। भरपूर नींद लें और आराम करें।
  • मूलांक 1 वाले लोगों को ठंडी जगहों, आंख और गले की समस्याओं से सावधान रहना चाहए।
  • उन्हें शहद, सूखे मेवे (Dry Fruits), संतरे, सेब, लौंग, अदरक, केसर, अष्टवर्ग, अश्वगंधा और जायफल का सेवन करना चाहिए।

मूलांक 2

2, 11, 20 और 29 तारीख को जन्में लोगों का मूलांक 2 होता है। मूलांक 2 का स्वामी चंद्रमा होता है। चंद्रमा के खराब होने पर गठिया, चक्कर आना, पेट दर्द, मिरगी, चेचक (Small Pox), शरीर में पानी बनना (dropsy), बवासीर, ट्यूमर, सर्दी, खांसी, आंख और दांत संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। इस मूलांक के लोगों पर जीवन शैली और वातावरण का बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। इस मूलांक के जातकों के लिए जनवरी, फरवरी और जुलाई के महीने बेहद अशुभ होते हैं। 1, 4, 10, 11, 20, 25, 29, 43, 47, 52 और 66 की उम्र में इन्हें अपना विशेष ख़्याल रखना चाहिए।

उपाय

  • मूलांक 2 के लोगों को अपने आहार में पत्तागोभी, खीरा, गाजर, मूली, अलसी और मौसमी फलों (Seasonal Fruits) को शामिल करना चाहिए।
  • ठंडे, अंधेरे और गंदगी भरी जगहों से दूर रहें।

मूलांक 3

3, 12, 21 और 30 तारीख़ को जन्में लोगों का मूलांक 3 होता है। इस मूलांक का स्वामी बृहस्पति होता है। बृहस्पति लीवर, फेफड़े और नसों (Veins) का कारक ग्रह है। बृहस्पति के ख़राब होने पर इन जातकों को जोड़ों में दर्द, त्वचा संबंधी रोग, जठर शोध (gastritis), खांसी, मधुमेह (Diabetes) से लेकर लकवा और हृदय संबंधी रोग हो सकते हैं।

फरवरी, जून, सितंबर और दिसंबर के महीनों में इन्हें अधिक सावधानी बरतने की चाहिए। 3, 12, 21, 30, 39, 48, 57 और 65 की उम्र इनके लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है। इस दौरान इनके स्वास्थ्य में कई तरह के परिवर्तन आ सकते हैं। इस मूलांक के जातकों को स्वतंत्र होकर काम करना चाहिए। दूसरों का अनावश्यक हस्तक्षेप इन्हें मानसिक तनाव दे सकता है।


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उपाय

  • फैटी खाद्य पदार्थों का परहेज़ करें।
  • सेब, अंगूर, अनार, अनानास, बादाम, पुदीना, चेरी और लौंग इनके लिए बेहद फ़ायदेमंद होते हैं।

मूलांक 4

4, 13, 22 और 31 तारीख़ को जन्में जातकों का मूलांक 4 होता है जिसका स्वामी राहु है। ज्योतिष विद्या में राहु को छाया ग्रह माना गया है जिसके कारण जीवन में अनेक उतार-चढ़ाव आते हैं। लेकिन यह अपने कई अच्छे कार्यों के लिए भी जाना जाता है। इस मूलांक के जातक जल्दी ख़ुशी का आभास नहीं कर पाते। हालांकि ये दिखने में स्वस्थ नहीं लगते लेकिन इनमें बहुत अधिक सहनशीलता होती है जो इन्हें मुश्किल से मुश्लिक हालात से जूझने में मदद करती है। अक्सर बड़ी से बड़ी दुर्घटना के बाद भी ये लोग बच जाते हैं।

इन जातकों को सर्दी, इंफ्लुएंजा (influenza), बवासीर, कब्ज़, ट्यूमर, एनीमिया, मूत्रीय (Urinary), फेफड़े और किडनी संबंधी रोग हो सकते हैं। इन जातकों के लिए इलेक्ट्रो-ट्रीटमेंट (Electrotreatment) फ़ायदेमंद होता है। जनवरी, फरवरी, जुलाई, अगस्त और सितंबर के महीनों और 4, 13, 22, 31, 40, 49 और 58 की उम्र में इन्हें अधिक सावधानी बरतने की ज़रूरत होती है।

उपाय

  • शाकाहारी भोजन करें।
  • अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्ज़ियां शामिल करें।
  • नशीले पदार्थों, तीखे और मसालेदार फैटी खाद्य पदार्थों और तनाव से दूर रहें।

मूलांक 5

5, 14 और 23 तारीख़ को जन्में जातकों का मूलांक 5 होता है। मूलांक 5 का स्वामी बुध है। बुध वाणी, स्मरण शक्ति, नथुनों, हाथ और तन्त्रिका तंत्र को नियंत्रित करता है। इस मूलांक के जातकों को अनिद्रा, मधुमेह (diabetes), शारीरिक और मानसिक तनाव, हकलाना, मिर्गी, तुतलाहट (lisping), मूकता (dumbness), नाक या सिर में ट्यूमर, घबराहट, खांसी, हाथ और पैरों में गुउट, चक्कर आना और वाणी संबंधी रोग हो सकते हैं।

जून, सितंबर और दिसंबर के महीने इनके लिए अच्छे नहीं होते। 14, 23, 41 और 50 की उम्र में इनके स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण परिवर्तन आ सकते हैं। इसलिए इस दौरान इन्हें अपना विशेष ख़्याल रखना चाहिए।

उपाय

  • इस मूलांक के जातक खुद को स्वस्थ रखने के लिए गाजर, मूली, नारियल, अजवायन, पुदीना, त्रिफ़ला, जौ, दालों और हरी पत्तेदार सब्ज़ियों का सेवन करें।
  • समय पर भोजन, सोए और आराम करें।

मूलांक 6

6, 15, और 24 तारीख़ को जन्में लोगों का मूलांक 6 होता है जिसका स्वामी शुक्र है। इस मूलांक के जातक अक्सर दुर्भाग्य का शिकार होते हैं। इन्हें फेफड़े, गले और नाक संबंधी रोग हो सकते हैं। लापरवाही के चलते इन्हें ड्रॉप्सी (Dropsy), कैंसर, मूत्रीय और अन्य संक्रामक रोग भी हो सकते हैं। उम्र के छठे, 15वें, 24वें, 33वें, 42वें, 51वें और 60 के पड़ाव में इन्हें स्वास्थ्य संबंधी अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए इस दौरान इन्हें अपना विशेष ख्याल रखना चाहिए। स्वास्थ्य के लिहाज़ से मई, अक्टूबर और नवंबर के महीने इनके लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं।

उपाय

  • मांसाहारी भोजन का त्याग करें।
  • अपने आहार में खीरा, सेब, अनार, बादाम, सलाद, चावल और हरी पत्तेदार सब्ज़ियां शामिल करें।

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मूलांक 7

किसी भी माह में 7, 16 और 25 तारीख़ को जन्में लोगों का मूलांक 7 होता है जिसका स्वामी केतु है। इन जातकों पर अपने आस-पास के वातावरण का बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। ब्रांकाइटिस (Bronchitis), सर्दी और खांसी, बंद नाक की समस्या (Nasal Congestion), नज़रें कमज़ोर होना, टॉन्सिलाइटिस (tonsillitis), साइको-हिस्टीरिया (psycho-hysteria), फेफड़े और त्वचा संबंधी रोग और दीर्घकालिक बीमारियां इन्हें परेशान कर सकती हैं। जनवरी, फरवरी, जुलाई और अगस्त के महीने इनके लिए अच्छे नहीं होते। उम्र का 16वां, 25वां, 34वां, 43वां, 52वां और 61वां पड़ाव इनके लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है।

उपाय

  • नशीले और कार्बन डाइ-ऑक्साइड युक्त पदार्थों से परहेज़ करें।
  • भरपूर नींद लें।
  • साधारण भोजन करें और जूस पीएं।
  • सेब, अंगूर, खीरे, पत्ता गोभी, चीकू और अलसी का सेवन करें।

मूलांक 8

जिन व्यक्तियों का जन्म 8, 17, 26 तारीख को हुआ है उन पर शनि का प्रभाव होता है। शनि का जातक हमेशा आत्मनिर्भर, पैसे बचाने वाला और बुद्धिमान होता है। इन्हें मिर्गी, दांत दर्द, काला पीलिया, बहरापन, कुष्ठ, ड्रॉप्सी, डिप्थीरिया, ग्रंथियों में सूजन, रक्त संक्रमण, जोड़ों में दर्द, कब्ज़, लकवा और एनीमिया जैसी दीर्घकालिक बीमारियां हो सकती हैं।

दिसंबर, जनवरी, फरवरी और जुलाई इनके लिए परेशानी के महीने हैं। 8वें, 17वें, 26वें, 35वें, 44वें, 53वें और 62वें वर्ष इनके जीवन के महत्वपूर्ण वर्ष हैं। इस दौरान इनके स्वास्थ्य में कई तरह के परिवर्तन आ सकते हैं।

उपाय

  • नशीले पदार्थों से दूर रहें।
  • सुबह जल्दी उठकर व्यायाम करें और ताज़ी हवा में सांस लें।
  • पालक, केले और फलों का सेवन करें।

मूलांक 9

वे लोग जो 9, 18 और 27 तारीख को पैदा हुए हैं उनका मूलांक 9 होता है। मूलांक 9 के लोगों पर मंगल का प्रभाव होता है। ये लोग बेहद संवेदनशील होते हैं। मंगल सिर, चेहरे, गुर्दे, घुटने, कमर, मूत्राशय, हृदय की धड़कन और परिसंचरण को नियंत्रित करता है। मंगल के खराब होने पर जातक को ट्यूमर, चेचक, खसरा, सिरदर्द, सभी प्रकार के बुखार, यौन रोग और उच्च रक्तचाप की समस्या हो सकती है। ये लोग किसी बड़ी दुर्घटना का शिकार भी हो सकते हैं। इनके लिए अप्रैल, मई, अक्टूबर, नवंबर सावधानी बरतने वाले महीने हैं। 9, 18, 27, 36, 45 और 63 की उम्र स्वास्थ्य के लिहाज़ से इनके लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है।

उपाय

  • बहुत अधिक मानसिक तनाव लेने से बचें।
  • लहसुन, प्याज़, अदरक, हरी मिर्च और नारियल पानी का सेवन करें।