शादी में आ रही है देरी या बार-बार हो रही है रुकावट, कुंडली के ये दोष हो सकते हैं आपकी परेशानी की वजह

Indian Astrology | 01-Aug-2022

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कुछ लोगों के जीवन में कई कार्यों में रुकावटें आने लगती हैं। किसी को मनचाही नौकरी मिलने में देरी हो रही है, तो किसी की शादी में रुकावटें आ रही हैं। किसी की शादी की बात पक्‍की होने के बाद टूट जाती है तो किसी की बात शादी के रिश्‍ते तक ही नहीं पहुंच पाती है। वहीं कुछ लोगों को अपनी पसंद का जीवनसाथी ना मिल पाने की वजह से शादी में देरी होती है।

विवाह में आ रही इस देरी का कारण जानने के लिए व्‍यक्‍ति की जन्‍मकुंडली देखी जाती है। जन्‍मकुंडली में बैठे ग्रहों की स्थिति, चाल और दशा से पता चल पाता है कि व्यक्‍ति के विवाह में क्‍यों देरी हो रही है और विवाह कार्य में आ रही रुकावटों का क्‍या कारण है।

ज्‍योतिष कैसे करता है मदद

शादी के समय के लिए कुंडली में कुछ विशिष्‍ट चक्र होते हैा। यदि किसी कारण से इस चक्र में विवाह संपन्‍न ना हो पाए, तो दूसरे चक्र के सक्रिय होने का इंतजार करना पड़ता है। ग्रहों की स्थिति, आर्थिक-सामाजिक कारणों या अन्‍य किसी वजह से विवाह में देरी आ रही होती है। ज्‍योतिष शास्‍त्र की मदद से यह जाना जा सकता है कि आपके विवाह में देरी होने का क्‍या कारण है।

ज्‍योतिष शास्‍त्र में कुंडली का अध्‍ययन कर के यह जाना जा सकता है कि किसी व्‍यक्‍ति को शादी करने में रुकावटों का सामना क्‍यों करना पड़ सकता है। यदि कुंडली देखने के बाद शादी में हो रही देर के स्‍पष्‍ट कारण का पता चल जाए तो इससे छुटकारा पाना काफी आसान हो जाता है। व्‍यक्‍ति की जन्‍मकुंडली उसकी जन्‍म‍तिथि, जन्‍मस्‍थान और जन्‍म के समय के आधार पर बनती है और इससे बहुत सरलता से ज्ञात हो सकता है कि शादी में देरी होने की क्‍या वजह है। एक बार कारण पता चलने के बाद ज्‍योतिषीय उपायों से उसका समाधान भी किया जा सकता है।

विवाह में देरी के लिए कौन-सा घर देखते हैं

जन्‍मकुंडली में विवाह कार्यों के लिए एक विशेष भाव या घर होता है। विवाह में देरी आने पर इस विशेष भाव में बैठे ग्रहों की स्थिति को देखा जाता है। इस भाव के अध्‍ययन से आप जान सकते हैं कि आपकी शादी किस उम्र में होगी। निम्‍न भावों, ग्रहों, दशा और ग्रहों के गोचर के अध्‍ययन के बाद विवाह में आ रही देरी के कारण को समझा जा सकता है।

विवाह का भाव : वैदिक ज्‍योतिष के अनुसार कुंडली का सातवां भाव विवाह का होता है। लेकिन दूसरे और ग्‍यारहवें भाव को भी शादी के लिए देखा जाता है। दूसरा भाव परिवार और परिवार में आने वाने अन्‍य सदस्‍य को दर्शाता है। ग्‍यारहवां भाव दोस्‍ती का प्रतीक है। इस भाव से भी आपके जीवनसाथी के बारे में जानकारी मिल सकती है क्‍योंकि जीवनसाथी भी एक मित्र की तरह ही होता है। वहीं ग्‍यारहवां भाव मनोकामनाएं पूर्ण करने का होता है। यदि आपको प्रेम विवाह की संभावनाओं के बारे में जानना है तो कुंडली के पांचवे भाव को देखें।

विवाह में देरी के कारण

कुंडली में शादी में आ रही रुकावट के कारणों को देखा जा सकता है। कुंडली के आधार पर यह आसानी से पता चल सकता है कि व्‍यक्‍ति की शादी क्‍यों नहीं हो पा रही है। कुंडली में विवाह में आ रही देरी का ज्‍योतिषीय कारण सप्‍तम भाव में कुछ ग्रहों के बैठने की वजह से हो सकती है। यदि सप्‍तम भाव में चंद्रमा हो तो लड़के की शादी 27 और लड़की की शादी 26 साल की उम्र में होती है।

सप्‍तम भाव में बृहस्‍पति के होने पर लड़के की शादी 30 और लड़की की शादी 29 साल में होती है। वहीं अगर सातवें घर में सूर्य विराजमान हो तो लड़के की शादी 32 साल और लड़की की शादी 30 साल की उम्र में होती है। जब सप्‍तम भाव में शनि बैठा हो तो लड़के का विवाह 33 और लड़की का विवाह 30 साल की उम्र में होता है।

यदि सप्‍तम भाव का स्‍वामी शुभ प्रभाव में हो तो उपरोक्‍त उम्र में दो साल कम हो सकते हैं। लेकिन अगर सप्‍तम भाव के स्‍वामी पर नकारात्‍मक प्रभाव पड़ रहा हो तो उपरोक्‍त उम्र में दो से तीन साल बढ़ सकते हैं।

शादी में आ रही रुकावट के लिए जिम्‍मेदार ग्रह

कुंडली में शादी में आ रही देरी का कारण ग्रहों की विभिन्‍न स्थितियां और युति हो सकती हैं। यहां हम आपको कुंडली में ग्रहों की कुछ ऐसी स्थितियों के बारे में बता रहे हैं जो विवाह में देरी का कारण बन सकते हैं।

  • सूर्य और राहू की युति से शादी में देरी हो सकती है, खासतौर पर यदि इनका संबंध विवाह के भाव से हो तो।
  • मंगल और राहू की युति सप्‍तम भाव में हो या इनकी इस भाव पर दृष्टि हो।
  • यदि सप्‍तम भाव का स्‍वामी आठवें घर में हो और आठवें घर का स्‍वामी सप्‍तम भाव में हो तो शादी में देरी हो सकती है।
  • पुरुष की कुंडली में शनि और चंद्रमा की युति होने पर कुंडली में देरी से विवाह होने के लिए कई रुकावटें  या समस्‍याएं जिम्‍मेदार हो सकती हैं।
  • कुंडली में शनि की कुदृष्टि या लग्‍न स्‍वामी, सप्‍तम भाव और सप्‍तम भाव के स्‍वामी के साथ या इनमें से किसी भी एक साथ युति होने पर शादी में देरी आती है।
  • कुंडली में मंगल दोष भी विवाह में देरी का कारण बनता है। यह दोष मंगल के पहले, चौथे, सप्‍तम, अष्‍टम या बारहवें घर में होने पर बनता है।

विवाह में आ रही देरी को दूर करने के उपाय

अगर आप शादी में आ रही देरी का निवारण चाहते हैं तो सबसे पहले तो यह जानें कि आपको किस तरह का जीवनसाथी चाहिए। इसके बाद आप किसी अनुभवी ज्‍योतिषी (Best Astrologer for marriage) से सलाह लें। इसके अलावा निम्‍न ज्‍योतिषीय उपायों की मदद से भी इस समस्‍या को दूर किया जा सकता है।

  • अगर शनि दोष की वजह से शादी नहीं हो पा रही है तो आप किसी गरीब लड़की की मदद करें। हिंदू धर्म में दान को बहुत पवित्र माना जाता है।
  • जल्‍दी विवाह की कामना रखने वालों को पीली चीजों जैसे कि हल्‍दी, चना दाल का सेवन एवं दान अधिक करना चाहिए। अपने नहाने के पानी में एक चुटकी हल्‍दी डालकर नहाएं। नहाने के बाद हल्‍दी और केसर का तिलक लगाएं।
  • अगर कन्‍या के विवाह में देरी हो रही है और उसकी कुंडली में राहू दोष है तो उस लड़की को मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। इससे वर की तलाश जल्‍दी खत्‍म होती है।
  • 16 सोमवार के व्रत रखने से भी जल्‍दी विवाह होने के रास्‍ते खुलते हैं। आप सोमवार की सुबह शिवलिंग का अभिषेक करें और मां पार्वती एवं भोलेनाथ से जल्‍दी विवाह की कामना करें।

क्‍या करें

अगर आप अपनी कुंडली में विवाह में आ रही देरी का कारण और समाधान जानना चाहते हैं तो Future Point के अनुभवी ज्‍योतिषियों (Marriage Expert Astrologer) से बात कर सकते हैं।