क्या आप जानते है पन्ना रत्न से जुड़ी ये बातें?

Future Point | 04-Jun-2019

Views: 8291
Latest-news

पन्ना बुध ग्रह का रत्न होता है, पन्ना रत्न बहुत नरम होता है और यह रत्न बहुत कीमती भी होता है. बुध देव जोकि व्यापार, वाणी, युवा, हाजमा आदि के कारक होते हैं, व्यक्ति की कुंडली में बिना बुध की मजबूती में व्यापार में कामयाब नही हुआ जा सकता है यदि कुंडली में बुध की स्थिति शुभ है परन्तु उसके अच्छे फल नही मिल पा रहे तो इसका कारण यह हो सकता है कि बुध कमजोर स्थिति में हैं अतः ऐसी स्थिति में व्यक्ति को पन्ना रत्न अवश्य ही धारण करना चाहिए. पन्ना रत्न मिथुन व कन्या राशि वाले जातकों के लिए अधिक शुभ रहता है, परन्तु पन्ना रत्न को धारण करने से पहले एक अच्छे ज्योतिष से कुंडली दिखाना अनिवार्य होता है क्योंकि बिना कुंडली की जाँच किये पन्ना रत्न को धारण करने से व्यक्ति को इसके हानिकारक परिणाम भी मिल सकते हैं।

किन- किन रंगो में पाया जाता है पन्ना रत्न –

पन्ना रत्न मुख्यतः 5 रंगो में पाया जाता है।

♦ तोते के पंख के रंग जैसा

♦ पानी के रंग जैसा

♦ सरेस के फूल के रंग जैसा

♦ मोर के पंख जैसा

♦ हल्का संदुल् के फूल जैसा

कुंडली में ग्रहों की किन स्थितियों में पन्ना धारण करना चाहिए -

♦ यदि जातक की कुंडली में बुध छठे और आठवें भाव में हो तो पन्‍ना रत्न धारण करना लाभकारी होता है।

♦ यदि जातक की कुंडली में बुध मीन राशि में हो तो पन्‍ना रत्न धारण करना बहुत अच्छा होता है।

♦ यदि जातक की कुंडली में धनेष बुध नौवे स्‍थान में हो तो पन्‍ना रत्न धारण करना लाभदायक होता है।

♦ यदि जातक की कुंडली में सातवें भाव का स्‍वामी बुध दूसरे भाव में, नवें भाव का स्‍वामी बुध चौथे भाव में या भाग्‍येश बुध छठें भाव में हो तो पन्‍ना रत्न को धारण कर बहुत लाभ प्राप्‍त किया जा सकता है।

♦ जातक की कुंडली में बुध की महादशा और अंतरदशा में भी पन्‍ना रत्न धारण करना अच्‍छा होता है।

♦ यदि जातक की जन्‍म कुंडली में बुध श्रेष्‍ठ भाव में अर्थात 2,3,4,5,7,9,10 और 11 में से किसी का स्‍वामी हो और अपने से छठे भाव में हो तो भी पन्‍ना रत्न को धारण करना बहुत अच्‍छा होता है।

♦ यदि जातक की जन्मकुंडली में बुध मंगल, शनि, राहु अथवा केतु के साथ स्थित हो तो पन्‍ना रत्न धारण करना अच्छा रहता है।

♦ यदि जातक की कुंडली में बुध पर शत्रु ग्रह की दृष्‍टि हो तो भी पन्‍ना रत्न को धारण करना अच्छा रहता है।

♦ यदि मिथुन लग्न वाले व्यक्ति पन्ना धारण करें तो पारिवारिक परेशानियों से राहत मिलती है और माता का स्वास्थ्य सही रहता है इसके अलावा जनता से सबंधित कार्यों में भी सफलता प्राप्त होती है।

♦ कन्या लग्न वाले व्यक्ति भी पन्ना रत्न को धारण कर राज, व्यापार, पिता, नौकरी व शासकीय कार्यों में लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

♦ इसके अलावा व्‍यापार-वाणिज्‍य, गणित व एकाउंटेंसी संबंधी कार्य से जुड़े व्यक्तियों को पन्‍ना अवश्‍य धारण करना चाहिए इससे अच्‍छे फल प्राप्‍त होंगे।

पन्ना रत्न धारण करने के लाभ-

♦ पन्ना रत्न बुध ग्रह से सम्बन्धित है और बुध का स्मरण शक्ति पर सबसे अधिक प्रभाव रहता है इसलिए जिन व्यक्तियों की स्मरण शक्ति कमजोर हो तो उन्हें पन्ना रत्न धारण करने से अवश्य ही लाभ प्राप्त होता है।

♦ जो व्यक्ति किसी भी प्रकार का व्यापार करते है उनके लिए भी पन्ना रत्न धारण करना अत्यन्त लाभकारी सिद्ध होता है।

♦ जिन बच्चों का पढ़ाई में मन नही लगता हो या फिर जो बच्चे पढ़ते हो और वह शीघ्र ही भूल जाते है, ऐसे में उन्हें चांदी के लॉकेट में पन्ना रत्न को जड़वा कर गले में धारण करवाना चाहिए।

♦ प्रातः पन्ना रत्न को 10 मिनट तक पानी में डाले उसके पश्चात उस पानी की छींटे आंखों में मारने से नेत्र रोगों में आराम मिलता है एंव आंखे स्वस्थ्य रहती है।

♦ जिन व्यक्तियों को सर्प का भय रहता है उन्हें पन्ना रत्न अवश्य ही धारण करना चाहिए।

♦ गणित और कामर्स के अध्यापकों को पन्ना रत्न धारण करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

पन्ना रत्न को धारण करने से स्वास्थ्य में होने वाले लाभ -

♦ जिन व्यक्तियों का हाजमा खराब रहता हो उन्हें पन्ना रत्न अवश्य धारण करना चाहिए।

♦ गर्भवती महिलाओं को भी पन्ना रत्न धारण करने से अधिक लाभ मिलता है।

♦ जो व्यक्ति दमा रोग से पीड़ित है उन्हें पन्ना रत्न चांदी की अॅगूठी में बनवा कर कनिष्ठका ऊँगली में धारण करने से इस रोग में कमी आती है।

♦ पन्ना रत्न धारण करने से पौरूष शक्ति में वृद्धि होती है एंव स्वास्थ्य उत्तम होता है।

किस स्थिति में पन्ना रत्न धारण नही करना चाहिए-

♦ पन्ना रत्न बुध ग्रह से सम्बन्धित है और बुध एक शुभ ग्रह है, इसलिए यदि व्यक्ति की कुंडली में इन पापी भावों 6, 8, 12 का बुध स्वामी हो तो पन्ना रत्न धारण करने से अचानक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

♦ यदि व्यक्ति की कुंडली में बुध की महादशा चल रही है और बुध आठवें या 12वें भाव में बैठा है तो पन्ना रत्न धारण करने से समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

♦ पन्ना रत्न को ओपल व हीरे के साथ धारण करने से नुकसान होता है।

♦ पन्ना रत्न को मोती के साथ भी धारण नहीं करना चाहिए।