जीवन की इन समस्याओं को दूर करने में लाभप्रद होता है मोती रत्न
Future Point | 10-Jun-2019
Views: 7521अन्य रत्नों की तरह ही ग्रहीय विघ्नों को हल करने वाला यह मोती रत्न भी ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जीवन की अनेक समस्याओं को दूर करने के लिए एक महत्वपूर्ण ज्योतिषी उपाय होता है, मोती रत्न को चंद्रमा का कारक माना गया है अतः कुंडली में चंद्रमा की कमजोर स्थिति होने पर या फिर अन्य ज्योतिष कारणों से भी मोती धारण किया जाता है।
मोती रत्न को कुंडली के किन योगों में धारण करना चाहिए -
- जिन व्यक्तियों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है, उन्हें मोती धारण करना चाहिए परन्तु मोती धारण करने से पहले किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से परामर्श अवश्य कर लेना चाहिए।
- ऐसे लग्न की कुंडली जिसमें चंद्र शुभ भाव (केंद्र या त्रिकोण) का स्वामी होता है, लेकिन निर्बल हो तो उन जातकों के लिए मोती धारण करना लाभदायक होता है।
- यदि जातक की कुंडली में चंद्रमा नीच राशि वृश्चिक में हो तो मोती पहनना लाभदायक रहता है।
- यदि जातक की कुंडली में चंद्रमा राहु या केतु की युति में हो तो मोती पहन सकते हैं।
- यदि जातक की कुंडली में चंद्रमा पाप ग्रहों की दृष्टि में हो तो मोती पहनना चाहिए।
- यदि जातक की कुंडली में चंद्रमा क्षीण हो या सूर्य के साथ हो तो मोती धारण करना चाहिए।
- जातक की कुंडली में चंद्रमा की महादशा होने पर मोती पहनना चाहिए।
- यदि किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा क्षीण हो, और कृष्ण पक्ष का जन्म हो तो भी मोती पहनने से लाभ मिलता है।
- मोती धारण करने से जातक की कुंडली में चंद्रमा को बल मिलता है और इसके बली होने से मानसिक तनाव दूर होता है और इसके साथ ही व्यक्ति को पथरी, मूत्र रोग, जोड़ों का दर्द आदि रोगों में भी राहत मिल सकती है।
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इन समस्यायों को दूर करने के लिए मोती के बेहतरीन उपाय -
- यदि किसी व्यक्ति के जीवन में पारिवारिक कलह पीछा नहीं छोड़ रहा है और पति-पत्नी के बीच अनबन रहती है तो इस समस्या को दूर करने के लिए पत्नी को मोती का हार पहनाएं, इससे बहुत लाभ होगा तथा घर में शांति और सुख व समृद्धि की वृद्धि होगी।
- यदि किसी व्यक्ति की संतान का स्वास्थ्य अच्छा न रहता हो, छोटे बच्चों को कुछ न कुछ समस्या रहती ही हो तो ऐसी स्थिति में मोती एकदम रामबाण का काम करता है, इस समस्या से मुक्ति के लिए बच्चों को गले में एक चांदी के चन्द्रमा में मोती जड़वा कर पहनाएं, ऐसा करने से बच्चा स्वस्थ रहेगा।
- यदि किसी व्यक्ति के जीवन में कोई निर्णय लेने की स्थिति में असमंजस की स्थिति बनती है तो यह बहुत ही विकट समस्या होती है, समय पर सही निर्णय न लेने की वजह से व्यक्ति बड़े से बड़ा नुकसान कर बैठता है अतः ऐसी स्थिति में व्यक्ति को अपने घर में स्थित भगवान गणपति को मोती का हार पहनाना चाहिए और सोमवार के दिन नित्य गणपति स्तोत्र का पाठ करना चाहिए ऐसा करने से अवश्य ही बहुत लाभ मिलेगा और असमंजस की स्थिति समाप्त हो जाएगी।
- यदि किसी व्यक्ति के जीवन में रोजगार होते हुए भी धन का अभाव रहता है और व्यक्ति इसके अभाव में हमेशा परेशान रहता है तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति अपने पूजा स्थल पर दो मोती के दाने लेकर एक पीले कपड़े में बांधकर रखे, ऐसा करने से देवी लक्ष्मी जी की असीम कृपा होगी और कभी धन की कमी नही रहेगी।
- व्यक्ति के जीवन में कई बार ऐसी स्थिति हो जाती है कि मन में चंचलता रहती है और स्वभाव में क्रोध, यदि इस आदत से आप खुद भी परेशान रहते हैं तो ऐसी स्थिति में मोती बहुत लाभकारी होता है, ऐसी स्थिति होने पर व्यक्ति को एक सुन्दर और साफ मोती का दाना सफेद कपड़े में बांधकर अपने पास रखना चाहिए, ऐसा करने से व्यक्ति का मन भी अशांत नहीं रहेगा और जो स्वभाव में क्रोध रहता है वह भी समाप्त हो जाएगा।
- यदि बहुत प्रयास के बावजूद भी प्रोफेशनल करियर में व्यक्ति उतनी तरक्की नहीं कर पाता है जितनी के लिए वह मेहनत करता है और करियर थम-सा जाता है तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति को अपने पास एक चांदी की डिब्बी में मोती बंद कर बैग में रखना चाहिए, ऐसा करने से दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की होगी।
- कई बार ऐसा होता है कि घर में अक्सर कोई न कोई सदस्य बीमार रहता है और खासतौर पर जब महिलाएं, बुजुर्ग या बच्चे बीमार रहने लगें तो परेशानी और बढ़ जाती है, ऐसी स्थिति में पूर्णिमा के दिन चावल पर मोती रखकर किसी ब्राह्मण को घर बुलाकर दान दें, ऐसा करने से घर से रोग समाप्त हो जाएंगे।
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मोती रत्न को किस प्रकार धारण करना चाहिए -
- मोती रत्न को सोमवार के दिन धारण करना चाहिए।
- मोती रत्न को चांदी की अँगूठी में जड़वा कर पहनना चाहिए।
- मोती रत्न धारण करने से पूर्व इसे पहले (दूध-दही-शहद-घी-तुलसी पत्ते) पंचामृत से स्नान कराना चाहिए।
- इसके पश्चात् मोती को गंगाजल से स्नान कराये|
- इसके पश्चात् पूजा स्थल पर दूप व दीप प्रज्वल्लित करें और मोती को सामने रखते हुए चन्द्र देव का ध्यान करें।
- इसके पश्चात् इस मंत्र के यथा संभव जप करें ॐ चं चन्द्राय नमः ।
- अब अंत में दीपक के ऊपर से 11 बार मोती को घुमाते हुए चन्द्र देव का ध्यान करें।
- इस विधि को पूर्ण करने के पश्चात् आप इसे अपनी सबसे छोटी ऊँगली (कनिष्ठा) में धारण करें।