जाने किन लोगो को फायदा देता है राहु का रत्न गोमेद

Future Point | 05-Jun-2019

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वैदिक ज्योतिष अनुसार गोमेद को राहु का रत्न माना जाता है, किसी व्यक्ति की कुंडली में यदि राहु का प्रभाव हो तो गोमेद रत्न को धारण करने की सलाह दी जाती है, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु नीच राशि में हो तो उसे गोमेद रत्न अवश्य ही धारण करना चाहिए. गोमेद रत्न लाल रंग लिए पीला बिल्कुल गोमूत्र के रंग के जैसा होता है, गोमेद एक प्रभावशाली रत्न होता है जो कि राहु के प्रकोप को दूर करता है अतः राहु की शुभता को पाने के लिए गोमेद रत्न धारण किया जाना चाहिए परन्तु कुंडली में ग्रहों की दशा का आकलन करने के पश्चात् ही गोमेद रत्न को धारण किया जाना चाहिए।

किन लोगों को अधिक लाभ देता है गोमेद रत्न -

  • राहु मकर राशि का स्वामी होता है अतः मकर राशि वाले व्यक्तियों के लिए भी गोमेद धारण करना इसके लाभ फलों को बढ़ाता है।
  • जिस व्यक्ति के बनते हुये काम में बाधायें आने लगे और भूत-प्रेत का भय हो, जैसे किसी ने उनके काम को बांध दिया हो या फिर अचनाक व्यवसाय में हानि हो रही हो तो उन्हें गोमेद रत्न को धारण करने से लाभ मिलता है।
  • यदि किसी व्यक्ति के पास धन रूकता न हो तो गोमेद रत्न को धारण करने से लाभ मिलता है।
  • यदि पति-पत्नी में आपसी तनाव रहता हो और तलाक तक की नौबत आ जाये तो गोमेद रत्न को धारण करने से रिश्ते फिर से मधुर हो जाते है।
  • जिस व्यक्ति का मन परेशान रहता हो और घर में दिल न लगता हो तथा मन उखड़ा-उखड़ा रहता हो तो उसे गोमेद रत्न अवश्य धारण करना चाहिए।
  • गोमेद रत्न उन व्यक्तियों के लिए भी विशेष लाभकारी है जो काल सर्प दोष से पीड़ित हैं, यदि यह किसी व्यक्ति के लिए उपयुक्त रहता है तो काल सर्प दोष से होने वाले बुरे प्रभावों से बचाव करता है।
  • गोमेद उन व्यक्तियों के लिए भी लाभकारी होता है जो राजनीति, जन संपर्क, दलाली से जुड़े व्यवसाय और प्रबंधन से संबंधित कार्य करते हैं। क्योंकि गोमेद रत्न के प्रभाव से शक्ति, सफलता और धन की प्राप्ति होती है।
  • वे लोग जो पेट संबंधी विकार, सुस्त उपापचय से परेशान हैं उनके लिए गोमेद रत्न को धारण करना फायदेमंद होता है, क्योंकि गोमेद स्वास्थ्य और शक्ति को भी दर्शाता है।
  • गोमेद रत्न को धारण करने के प्रभाव से विरोधियों पर विजय मिलती है और मन में आने वाले निराशावादी विचार भी दूर होते हैं।
  • गोमेद रत्न को धारण करने से भ्रम दूर होता है, वैचारिक पारदर्शिता आती है और राहु की दशा अवधि में सुख प्राप्त होता है।
  • गोमेद रत्न को धारण करने से भय की भावना दूर होती है और किसी भी कार्य को करने के लिए आत्म विश्वास, प्रेरणा व शक्ति मिलती है।
  • राहु राजनीति का मारकेश है अत: जो व्यक्ति राजनीति में सक्रिय हैं या सक्रिय होना चाहते हैं उनके लिए गोमेद धारण करना बहुत आवश्यक होता है।
  • गलत कामों जैसे चोरी, स्मगलिंग आदि कार्यों में लगे व्यक्तियों को भी गोमेद धारण करना चाहिए।
  • वकालत, न्यायलय और राज-काज से संबंधित कार्यों में बेहतरी करने के लिए भी गोमेद धारण करना लाभप्रद होता है।

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कुंडली में किस योग की स्थिति में धारण करना चाहिए गोमेद रत्न -

  • यदि किसी व्यक्ति की राशि या लग्न मिथुन, तुला, कुंभ या वृष हो तो ऐसे जातकों को गोमेद अवश्य ही धारण करना चाहिए।
  • यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु केंद्र में विराजमान हो अर्थात् 1,4,7, 10 भाव में हो तो गोमेद अवश्य धारण करना चाहिए।
  • यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु दूसरे, तीसरे, नौंवे या ग्याारहवें भाव में राहु हो तो भी गोमेद धारण करना बहुत लाभदायक होगा।
  • यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु अपनी राशि से छठे या आठवें भाव में स्थित हो तो भी गोमेद रत्न धारण करना हितकर होता है।
  • यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु शुभ भावों का स्वामी हो और स्वयं छठें या आठवें भाव में स्थित हो तो गोमेद धारण करना लाभदायक होता है।
  • यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु अपनी नीच राशि अर्थात् धनु में हो तो गोमेद धारण करना चाहिए।
  • यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु शुभ भाव का स्वामी है और सूर्य के साथ युति बनाए या दृष्टं हो अथवा सिंह राशि में स्थित हो तो गोमेद धारण करना चाहिए।
  • यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र, बुध के साथ राहु की युति हो रही हो तो गोमेद धारण करना चाहिए।