धन आगमन और ज्योतिष अध्ययन

Indian Astrology | 03-May-2018

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दुनिया पैसे के पीछे घूमती है, यह ओर बात है कि इससे आप खुशी और प्यार नहीं खरीद सकते हैं। हमारे जीवन में धन की स्थिति क्या रहेगी, यह कुंडली अध्ययन से जाना जा सकता है। धन के विषय में हमारी कुंडली क्या कहती है, और जीवन में धन आगमन के हमारी क्षमता क्या रहेगी, यह कुंड्ली से जाना जा सकता है। कुंडली में स्थित कुछ शुभ योग धन कारक होते है, और कुंडली में ग्रहों की स्थिति भी धन आगमन का सूचक होती है। धन अर्जन के कौशल और क्षमता का योग, दशा, योग आदि से संकेत मिल सकता है। विशेषकर ग्रह, राशि, भाव और अन्य कारक विषयों से। धन की स्थिति का मार्गदर्शन कुंड्ली अध्ययन से सहजता से किया जा सकता है।

• अग्नि प्रधान तत्व राशि (मेष, सिंह और धनु) के जातकों में ऊर्जा, जुनून और पहल करने की योग्यता रखते है, इसलिए धन अर्जन करने के लिए ये जातक पुस्तक, वॉल-स्ट्रीट स्टॉकब्रोकर, पुलिस अधिकारी आदि जैसे उदयमों से धन अर्जित कर सकते हैं।

• पृथ्वी तत्त्व राशि (वृषभ, कन्या और मकर राशि) तार्किक, व्यावहारिक हैं और एक ही व्यवसाय में स्थिर रहने वाले होते है। इन राशि के व्यक्तियों को शिक्षण, स्वास्थ्य क्षेत्र जिसमें चिकित्सा, नर्स और सेवा कार्य आते है, आदि क्षेत्रों से धन आगमन संभव होता है।

• वायु तत्व राशि (मिथुन, तुला और कुम्भ) के जातक संचार कौशल, आविष्कारशील और बौद्धिक होते है। इन राशियों के जातक आविष्कार / पेटेंट, परोपकार, प्रौद्योगिकी और लेखन जैसे बौद्धिक, संचार साधनों के माध्यम से पैसा कमा सकते हैं।

•जल राशि (कर्क, वृश्चिक और मीन हैं) के जातक सहज, भावनात्मक और स्वाभाविक रूप से कलात्मक होते है। वे धन अर्जन के लिए अपने अंतर्ज्ञान का उपयोग करते हैं। चिकित्सक, कलाकार, चिकित्सक और धार्मिक नेताओं जैसे उपक्रम में इनका काम करना लाभकारी रहता है।

ग्रहों द्वारा धन अर्जन

ग्रह हमारे जीवन की सभी छोटी बड़ी घट्नाओं को प्रभावित करते है। हमारे जीवन में क्या होने वाला है और आने वाला समय हमारा कैसा रहेगा, यह कुंडली में ग्रह स्थिति के अनुसार जाना जा सकता है।

ग्रह हमारी धन अर्जन करने की क्षमता को भी प्रभावित करते हैं। धन अर्जन करने के लिए मुख्य रुप से बृहस्पति और शनि ग्रह का विचार किया जाता है। कुंडली में सुस्थित हो तो व्यक्ति को अपने करियर में अच्छा धन अर्जित होता है। जन्मपत्री का प्रथम, द्वितीय, छ्ठा, आठवां, द्सवां और एकादश भाव धन की स्थिति की जानकारी देता है। गुरु ग्रह धन का कारक ग्रह है। यह भाग्य, संतान, आशावादिता और शुभता का प्रतीक ग्रह है। शनि ग्रह कड़ी मेहनत और अनुशासन के माध्यम से धन देता है, यह व्यक्ति को पारम्परिक रुप से लाभ देने की क्षमता रखता है। व्यक्ति को व्यक्तिगत और व्यावसायिक कठिनाईयां देने के साथ साथ अनुशासनशील, कड़ी मेहनत और श्रमसाध्य बनाता है। शनि से प्रभावित व्यक्ति कठिन परिश्रम से भागता नहीं है, बल्कि बाधाओं और चुनौतियों का साहस के साथ सामना करता है। यह सब करने से व्यक्ति को निश्चित रुप से सफलता हासिल होती है। मेहनती व्यक्ति अंतत: सफल होते है।

♠ धन अर्जन करने के लिए अन्य ग्रहों में शुक्र और बुध का भी अध्ययन किया जाता है। चंद्र, शुक्र और बुध दोनों को नकद रकम के लिए देखे जाते है।

♠ शुक्र ग्रह व्यक्ति को लोकप्रियता और सौंदर्य देता है। शुक्र व्यक्ति को अपनी प्रतिभा प्रदर्शन से धन प्राप्ति के योग बनाता है।

♠ बहुत सारे अभिनेता और मॉडल यह करते देखे जा सकते है। ये एक ऐसी दुनिया से जुड़े होते हैं जो सुंदरता की सराहना और प्रशंसा करती है। यह बहुत ही कलात्मक प्रतिभा देता है।

♠ बुध ग्रह संचार, लिखित, दृश्य और गैर-मौखिक क्षेत्रों पर शासन करता है। साथ ही बुध एक शीघ्र निर्णय लेने वाला ग्रह है यह व्यक्ति को बुद्धिमान भी बनाता है।

♠ धन प्राप्ति के लिए मुख्य रुप से केंद्र और त्रिकोण के स्वामियों का अध्ययन किया जाता है, इनका शुभ भाव में होना, शुभ भाव के स्वामियों से संबंध बनाना, धन, पद और मनोवांछित कामनाओं की पूर्ति कराता है। इसके विपरीत यदि एकादश भाव में पापी ग्रह हों तो व्यक्ति गलत तरीके से धन अर्जित करने का प्रयास करते है। कुंडली के दूसरे भाव, छ्ठे भाव और दसवें भाव को अर्थ भाव के नाम से जाना जाता है। इन तीनों भावों का आपस में संबंध बनें तो व्यक्ति को अर्थ की कोई कमी नहीं होती है। इसी प्रकार त्रिकोण भावों को भी धन आगमन के लिए अतिशुभ माना जाता है।

♠ एक त्रिकोण भाव के स्वामी का दूसरे त्रिकोण भाव में जाना धन आगमन को सहज बनाता है। केंद्र और त्रिकोण भाव के स्वामियों का आपस में किसी प्रकार से संबंध होना, धन, मान और सम्मान देता है। त्रिकोण और केंद्र भाव शुभ भावों से दॄष्ट हों या फिर शुभ ग्रहों के प्रभाव में हो, आय भाव को आयेश देखे तो व्यक्ति के जीवन में धन-धान्य की किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रहती है। आयेश, भाग्येश और लग्नेश की दशा में धन आगमन और शुभ फलों की प्राप्ति के सुयोग बनते है।