जानिए आपकी कुंडली में है खिलाड़ी बनने का योग?

Indian Astrology | 25-Mar-2020

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करियर जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष होता है जहाँ अधिकांश लोग तकनीकी क्षेत्र इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट, मार्केटिंग, बिजनेस आदि में करियर बनाने के इच्छुक होते है वहीँ कुछ लोगों को बचपन से ही खेलों में रुचि होती है और अपनी खेलने की प्रतिभा को ही वो अपना करियर बना लेते हैं, कुछ समय पहले तक माता-पिता अपने बच्चों का स्पोर्ट्स में जाना अच्छा नहीं समझते थे, परन्तु आज के समय में स्पोर्ट्स को लेकर सभी का दृष्टिकोण बदल गया है, वर्तमान समय में खेलों में करियर बनाना अच्छा माना जाता है और अभिभावक भी अपने बच्चों को इसमें पूरा सहयोग करते हैं, ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखें तो यदि व्यक्ति में किसी विशेष प्रतिभा का उदय होता है तो इसमें उसकी जन्मकुंडली में बने ग्रह योगों की ही भूमिका होती है यह ग्रह-योग जातक को खेलों में सफलता दिलाकर एक अच्छा खिलाडी बनाते हैं, कुंडली के भावों एवं ग्रहों की विशिष्ट स्थितियां व्यक्ति में खेलों के प्रति रुझान तथा आवश्यक क्षमता उत्पन्न करती हैं, उसमें सफल खिलाड़ी बनने की क्षमताओं का सही आकलन कर लिया जाए, तो इसमें कोई संदेह नहीं कि प्रारंभ से ही उचित प्रशिक्षण द्वारा उसे एक सफल खिलाड़ी बनाया जा सकता है,

लग्न एवं लग्नेश-

लग्न से व्यक्ति के व्यक्तित्व का विचार किया जाता है, लग्न व्यक्ति का आईना होता है, किसी भी कुंडली में लग्न व लग्नेश की प्रबल स्थिति व्यक्ति की शारीरिक क्षमता को प्रदर्शित करती है, अतः कुंडली में लग्न व लग्नेश का शुभ प्रभाव में होना, एक अच्छा खिलाडी बनने के लिए अति आवश्यक है|  

तीसरा भाव-

कुंडली का "तीसरा भाव" भी शारीरिक मेहनत, भागदौड़, पराक्रम और निडरता का भाव होने से खिलाडियों की कुंडली में तीसरे भाव का भी बहुत महत्त्व होता है, एक खिलाडी में पराक्रम एवं पुरुषार्थ की प्रचुरता तो होनी ही चाहिए, खेल के मैदान में अपने पराक्रम से ही विरोधी पर जीत हासिल की जा सकती है| अतः पराक्रम भाव, पराक्रमेश व पराक्रम भाव पर शुभ ग्रहों की दृष्टि होनी चाहिए|

पंचम भाव-

कुंडली के पंचम भाव से विद्या बुद्धि का विचार किया जाता है| और यह व्यक्ति के यश, मान, प्रतिष्ठा, खेल का स्थान, खेल प्रतिभा एवं दक्षता को प्रदर्शित करता है| अतः पंचम भाव पर शुभ प्रभाव तथा कुंडली में पंचमेश की शुभ एवं बलवान स्थिति तथा इसका अन्य सम्बंधित भावों एवं ग्रहों से सम्बन्ध व्यक्ति में प्रचुर मात्रा में स्वाभाविक खेल प्रतिभा एवं खेल सम्बन्धी मामलों में दक्षता पैदा करता है|

षष्ठ भाव-

कुंडली का यह भाव विरोधी पक्ष, प्रतियोगिता, प्रतिद्वंद्वियों, संघर्ष आदि को दर्शाता है, अतः खेल प्रतिस्पर्धाओं की संघर्ष पूर्ण स्थिति में विरोधी पक्ष पर हावी होकर खेल के मैदान में विजय प्राप्त करने में षष्ठ भाव एवं षष्ठेश की कुंडली में उपयुक्त स्थिति का होना अति आवश्यक है| खेलों में प्रतिस्पर्धा का सामना करके ही खिलाडी आगे बढ़ते हैं इसलिए कुंडली का षष्ठ भाव अत्यंत महत्पूर्ण है|

नवम, दशम व एकादश भाव विचार-

कुंडली का नवम भाव भाग्य भाव के रूप में जाना जाता है| इस भाव से हर तरह की सफलता के बारे में जाना जाता है और कुंडली का दशम भाव व्यक्ति के कर्म एवं ख्याति को दर्शाता है| और एकादश भाव से हर तरह की उपलब्धियों एवं लाभ का विचार किया जाता है| अतः कुंडली में इन भावों और भाव स्वामियों का बलवान होकर खेल के कारक भावों एवं भावेशों तथा ग्रहों से सम्बन्ध खेल के माध्यम से सफलता, ख्याति, उपलब्धि एवं लाभ दिलाता है

मंगल ग्रह विचार-

जन्मकुंडली में विशेष रूप से "मंगल" को ही खेलों या स्पोर्ट्स का कारक माना गया है, क्योंकि खेलों में सफलता के लिए व्यक्ति का शारीरिक गठन, मांसपेशियां, फिटनेस और कार्य और पुरुषार्थ-क्षमता बहुत अच्छी होनी चाहिए इसके आलावा हिम्मत, शक्ति, पराक्रम, निर्भयता और प्रतिस्पर्धा का सामना करना एक अच्छे खिलाडी के गुण होते हैं और इन सभी का नियंत्रक ग्रह मंगल है इसलिए स्पोर्ट्स में जाने के लिए कुंडली में मंगल का अच्छी स्थिति में होना बहुत आवश्यक है,

खेलों में सफलता के कुछ विशेष योग-

यदि जन्मकुंडली में मंगल स्व राशि मेष या वृश्चिक में हो  अथवा अपनी उच्च राशि मकर में स्थित होकर केंद्र अर्थात १,,,१० या त्रिकोण ५,९ आदि शुभ भाव में बैठा हो तो व्यक्ति अपना करियर स्पोर्ट्स में बनता हैं|

मंगल बलि होकर कुंडली के दशम भाव में बैठा हो या दशम भाव पर मंगल की दृष्टि हो तो स्पोर्ट्स में सफलता मिलती है|

तीसरे भाव के स्वामी का तीसरे भाव में ही बैठना या तीसरे भाव को देखना भी स्पोर्ट्स में जाने के लिए सहायक होता है|

कर्म भाव से यदि मंगल व बुध का दृष्टि संबंध हो युति सम्बंध हो तो जातक खेलकूद के क्षेत्र में शौर्य और पराक्रम दिखाने वाला श्रेष्ठ खिलाड़ी होगा ।

यदि मंगल, शनि से पांचवे या नौवें भाव में बलि होकर बैठा हो तो भी स्पोर्ट्स में सफलता मिलती है|

षष्ठेश का षष्ठ भाव में बैठना या षष्ठ भाव को देखना भी एक खिलाडी के लिए सहायक होता है|

यदि तृतीयेश दशम भाव में हो और मंगल प्रबल हो तो भी व्यक्ति अच्छा खिलाडी बनता है|

पंचम भाव खेलकूद व मनोरंजन का भाव है प्राय एकादश भाव में स्थित शुभ ग्रह पंचम से सप्तम होने के कारण खेलकूद में रूचि देता है।

पराक्रम भाव पराक्रमेश या मंगल का बली होकर दशम भाव या दशमेश से संबंध साहस व शक्ति को बढ़ाकर खेल जगत में सफलता देता है।

लग्नेश का पराक्रम भाव पराक्रमेश या मंगल से संबंध भी खेल जगत में सफलता की संभावना बढ़ाता है।

एकादश भाव में सूर्य मंगल होने पर हॉकी क्रिकेट या फुटबॉल में रुचि दिलाता है।

 

कपिल देव की कुंडली का विश्लेषण-

जन्मतिथि- 06/01/1959

जन्मसमय-  2:30 प्रातः 

जन्मस्थान-  चंडीगढ़

यह जन्म कुंडली तुला लग्न व वृश्चिक राशि की है, सप्तमेश व धनेश मंगल का सप्तम भाव में अपनी मूलत्रिकोण राशि में होना मालव्य नामक महापुरुष योग का निर्माण कर रहा है, और यहाँ बैठे मंगल अपनी पूर्ण से कर्म स्थान और लग्न को दृष्ट कर रहे हैं| जो कि एक खिलाडी बनने की दृष्टि से अत्यंत शुभ योग बन रहा है, लग्नेश शुक्र सुख भाव में स्थित होकर दशम भाव को देखता है दशम भाव पर धनेश मंगल व पराक्रमेश गुरु की भी दृष्टि है, दशमेश चंद्रमा पराक्रमेश गुरु के साथ धन भाव में स्थित होकर धनेश मंगल से दृष्ट हैं भाग्येश लाभेश व पंचमेश अर्थात बुध सूर्य व शनि की युति पराक्रम भाव में हुई है, इस कुंडली के पराक्रम भाव में तीन ग्रहों की युति जातक को साहस शौर्य और पराक्रम देती है पराक्रमेश व दशमेश की युति धन स्थान में होना तथा धनेश का शुभ स्थिति में होकर धन भाव को देखना कर्म व पराक्रम से धन का संबंध जोड़ता है  षष्ठेश गुरु की षष्ठ भाव में स्थित केतु पर दृष्टि होने के कारण इन्होंने प्रतिस्पर्धाओं में बड़ी सफलताएं प्राप्त की, केतु का षष्ठ भाव मे होना संघर्ष की शक्ति को बढ़ाता है, और कुंडली में पंचमेश व नवमेश का संबंध योग प्रद है। तृतीय भाव में शनि बुध तथा सूर्य की युति तथा पंचमेश की पंचम भाव पर दृष्टि जातक की दक्षता कार्य कुशलता बढ़ा कर उसे धनवान व यश दिलाती है, दशमेश द्वितीय स्थान मे होने से जातक गुणी, धनी, परोपकारी व मान-सम्मान पाने वाला होता है। इनकी कुंडली में इन विशिष्ट योगों के कारण ही यह सफलता की सीढ़ियां चढ़ पाने में सफल हुए| 

भारतीय ज्योतिष अपने ज्योतिष विशेषज्ञों के माध्यम से आपकी कुंडली का विश्लेषण कर आपको एक श्रेष्ठ खिलाडी बनने में आपकी मदद करता है|